एसो रास रचयो बृंदावन में
है रही पायल की झंकार||
एसो रास...
१) घुंघरू खूब छमछ्म बाजे,
बजते बिदुवा बहुतै बाजे,
रवा कौंधनी केहु बाजे,
अंग अंग में गहना बाजे, चुरियन की झंकार|
एसो रास...
२) बाजे भाँति भाँति के बाजे,
झांझ पखावज दुन्दुभि बाजे,
सारंगी और महुवर बाजे,
बंसी बाजे मधुर मधुर बाजे बीना के तार|
एसो रास...
३) राधा मौहन दे गलबैयाँ,
नाचे संग संग ले फिरकईयाँ,
चाल चले शीतल सुखदैयाँ,
जामा पटका ल़हेंगा फरिया करे सनन सनकार|
एसो रास...
तर्ज: इकली घेरी वन में
है रही पायल की झंकार||
एसो रास...
१) घुंघरू खूब छमछ्म बाजे,
बजते बिदुवा बहुतै बाजे,
रवा कौंधनी केहु बाजे,
अंग अंग में गहना बाजे, चुरियन की झंकार|
एसो रास...
२) बाजे भाँति भाँति के बाजे,
झांझ पखावज दुन्दुभि बाजे,
सारंगी और महुवर बाजे,
बंसी बाजे मधुर मधुर बाजे बीना के तार|
एसो रास...
३) राधा मौहन दे गलबैयाँ,
नाचे संग संग ले फिरकईयाँ,
चाल चले शीतल सुखदैयाँ,
जामा पटका ल़हेंगा फरिया करे सनन सनकार|
एसो रास...
तर्ज: इकली घेरी वन में
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