हे माँ मुझको एसा घर दो, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो
ज्योति जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अंदर हो
हे माँ हे माँ माँ
इक कमरा हो जिसमे तुम्हारा, आसन माता सजा रहे,
हर पल हर क्षण भक्तो का वहां आना जान लगा रहे।
छोटे बड़े का माँ उस घर में एक समान ही आदर हो,
ज्योत जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥
हे माँ हे माँ हे माँ
इस घर से कोई भी खाली कभी सवाली जाए ना,
चैन ना पाऊं तब तक दाती जब तक चैन वो पाए ना।
मुझको दो वरदान दया का, तुम तो दया का सागर हो,
ज्योत जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥
हे माँ मुझको एसा घर दो, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो
ज्योति जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अंदर हो
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