एक समय, श्री कृष्णा के वंशज आपस मे ठिठोली कर रहे थे| उसी समय वहाँ एक दूर्वासा ऋषि आए| बालको को उनसे मज़ाक करने की सूझी| उनमे से एक ने अपने पेट पर कढ़ाई को बाँध लिया , और गर्भवती स्त्री का भेष बना उनके पास पहुँचा और बोला- कि उसके गर्भ मे लड़का है या लड़की?
ऋषि को क्रोध आ गया और उन्होने कहा- इसमे ना लड़का है ना लड़की| इसमे से एक मूसल निकलेगा जो तुम्हारे पूरे वंश के नाश का कारण बनेगा|
इतना सुन सभी बालक डर गये| उन्होने जल्दी से पेट से कढ़ाई को निकाला तो उसमे से मूसल निकला| उन्होने उस मूसल को पत्थर पर घिस दिया और उससे बने बुरादे और अंत मे बचे छोटे से टुकड़े को समुद्रा के किनारे फेंक दिया|
उस बुरादे से समुद्र के पास लोहे की घांस उग गई। और जो छोटा सा लोहे का टुकड़ा था, वह एक जरा नाम के भील को मिला, उसने उसे अपने बाण के सिरे पर यह सोच कर लगा लिया कि इससे शिकार करने में आसानी होगी।
कालांतर में गांधारी के श्राप के फलस्वरूप सभी यदुवंशी आपस में कलह करते हुए उसी समुद्र के पास पहुंच गए और उन्ही लोहे की घांस से कर एक दूसरे को मार दिया।
एक बार भगवान श्री कृष्णा एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे| उनके एक पैर का पंजा, दूसरे पैर के घुटने पर रखा हुआ था| उनके तलुवे मे कमल की पंखुड़ी के समान आँख का चिह्न था| उसी समय वहाँ वही भील जरा आया जो काफ़ी समय से शिकार की तलाश कर रहा था| उसने श्रीकृष्ण के तलुवे मे बनी आँख को हिरण की आँख समझ कर तीर छोड दिया| उसी तीर से श्रीकृष्ण के प्राण निकल गये|
ramayan ki rachna kisne ki
ReplyDeletekya aap jante hai
Ji,, balmiki ramayan hai,,Tulsi ramayan hai,, south me agasthya Rishi ki ramayan hai ,,
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