सावन झड़ी लागे ओ धीरे धीरे।
१) ओ सांवरी मै बाग गई थी,
अकेले डर लागे ओ धीरे धीरे।
सावन झड़ी लागे ओ धीरे धीरे।
२) ओ सांवरी खोलो चंदन किवडिया,
चुनर मोरी भीगे ओ धीरे धीरे।
३) ओ संवारी मै खिड़की पे ठाडी,
नजर तुमसे लागी ओ धीरे धीरे।
सावन झड़ी लागे ओ धीरे धीरे।
१) ओ सांवरी मै बाग गई थी,
अकेले डर लागे ओ धीरे धीरे।
सावन झड़ी लागे ओ धीरे धीरे।
२) ओ सांवरी खोलो चंदन किवडिया,
चुनर मोरी भीगे ओ धीरे धीरे।
३) ओ संवारी मै खिड़की पे ठाडी,
नजर तुमसे लागी ओ धीरे धीरे।
सावन झड़ी लागे ओ धीरे धीरे।
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