Wednesday, September 24, 2014

(6) देखो री जनकपुर आनंद छाया है ( dekho ri janakpur anand chaya hai)


देखो री जनकपुर आनंद छाया है
सुख का सागर उमड़ता आया है
आज सिया नव साज़ कियो है
की वार रघुनंदन ब्याहन आयो है
देखो री जनकपुर आनंद छाया है


१) आज सुनैना जी फूली न समाती
की सुंदर सुघड़ जमाई पाया है
आज सभी सखियाँ बलि बलि जाए
प्रभु ने सुंदर जोड़ा बनाया है

२) आज बहुत पुलकित सिय मन में
मान भावन साजन जो पाया है
जनक राज मन सुख न समावे 
जिन्होने ये मंगल साज़ सहाया है

३) मुबारक हो सबको मनोहर जोड़ी
की राजों ने खुश होके मंगल गया है
देखो री जनकपुर आनंद छाया है
सुख का सागर उमड़ता आया है



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