भर के आखों में आँसू कहा राम ने
बात बजरंगी अब तो बिगड़ जाएगी
१) गोद में अनुज को कहा राम ने
वीर शक्ति लगी है बताओ कहाँ
मुझे सपने में भी एसी आसा न थी
की विपद पे विपद ही पड़ जाएगी
भर के आखों में आँसू कहा राम ने
२) मेरे संग में रहे खूब सेवा करी
गर्मी सर्दी और बर्षा सब कुछ सही
हाय कैसा गजब हाय कैसा सितम
भाई भाई से सूरत बिगड़ जाएगी
भर के आखों में आँसू कहा राम ने
३) बोलो कैसे अवध पूर को जाउगा मैं
माता पूछेंगी तो क्या बतलाउँगा मैं
उर्मिला जब सुनेंगी तुम्हारी खबर
सिर पटक के वो धरणी पे मर जाएँगी
भर के आखों में आँसू कहा राम ने
४) बूटी लाए पवनसुत पवन की तरह
फूल मन के खिलेंगे चमन की तरह
जो बूटी लाने से पहले उदय हो गया
तो लखन लाल की जान निकल जाएगी
भर के आखों में आँसू कहा राम ने
५) बूटी लाए पवनसुत पवन की तरह
फूल मन के खिलेंगे चमन की तरह
बूटी घोल लखन को पिलाई गयी
वीर बजरंगी की जय जय होने लगी
बूटी लाए पवनसुत पवन की तरह
फूल मन के खिलेंगे चमन की तरह
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