(17)
छज्जे छज्जे बन्नी डोले, नीचे केश सुख़ाओ, रंग बरसेगो
रंग बरसे कछु अमृत बरसे और बरसे कस्तूरी, रंग बरसेगो
१) बन्नी के बाबा यो उठ बोले, लाडो मेरी केश सुख़ाओ
बन्नी के ताउ यो उठ बोले, लाडो मेरी केश सुख़ाओ
अब कैसे केश सुखाउ मेरे बाबा, चारो दल जुड़ आए
पहला दल मेरे भईया भतीजे, दूजो दल भातईया
तीजा दल साजन के लड़के, चौथा दल बरातिया
छज्जे छज्जे बन्नी डोले, नीचे केश सुख़ाओ, रंग बरसेगो
No comments:
Post a Comment