सब्जी मंडी, हवा चली ठंडी
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
केसे आऊ बन्ने , शरम मोहे लागे
पायल मेरी बजनी रे, बड़ी मुश्किल है पड़ी |
१) लंबा घूँघट डाल लो, पायल को उतार लो ---- --2
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
केसे आउ बन्ने, ताऊजि खड़े है ---------- 2
चूड़ियाँ खनकनी रे, तभी तो मई हू डरी |
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
२) चूड़ी को चड़ा लो, बाहों में अड़ा लो ------------2
आजा मेरी बन्नी रे, मिलन की बीते घड़ी
केसे आऊ बन्ना , बजे मेरा कंगना ------------2
देवर देखे सजना, ननद भी वहाँ है खड़ी,
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
३) देवर है अनाड़ी, सुनो प्राण प्यारी,-------------2
देदो उसे चकमा रे, अटरिया सूनी पड़ी |
ना ना बाबा ना रे, निकलेंगे तारे ---------------2
दिन में ही प्यारे रे, जलेगी ना फुलझड़ी |
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
४) पायल तेरी बजनी, चूड़ी है खनकनी -----------2
मैं क्या करू सजनी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
आऊँगी मैं रात को, मानो मेरी बात को---------2
सासूजी का पहरा है, मचाओ ना हड़बड़ी |
आजा प्यारी बन्नी रे, अटरिया सूनी पड़ी |
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