कह रहे लक्ष्मण से भगवान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
मेरे प्राणन प्यारी, लक्ष्मण तेने कहाँ बिसारी
अरे सब ढुंढ़ो बीया बान (जंगल), कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
१) मैं मृग मारन को धायो, सुपरद तेरे कर आयो
अरे तूने किन्हो कुछ नहीं ध्यान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
२) मैने बहुतेरी समझाई, नहीं समझ सिया की आई
अरे कहूँ नहीं निशान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
३) मैं मन समझाउ, और कहाँ ढूँढन को जाउ
मोपे विपदा पड़ी महान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
४) कोई आया यहाँ असुरारी, हर ले गयो नारी हमारी
वन में गौरी करे बखान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
मेरे प्राणन प्यारी, लक्ष्मण तेने कहाँ बिसारी
अरे सब ढुंढ़ो बीया बान (जंगल), कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
१) मैं मृग मारन को धायो, सुपरद तेरे कर आयो
अरे तूने किन्हो कुछ नहीं ध्यान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
२) मैने बहुतेरी समझाई, नहीं समझ सिया की आई
अरे कहूँ नहीं निशान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
३) मैं मन समझाउ, और कहाँ ढूँढन को जाउ
मोपे विपदा पड़ी महान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
४) कोई आया यहाँ असुरारी, हर ले गयो नारी हमारी
वन में गौरी करे बखान, कहाँ गयी प्राणन की प्यारी
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