गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
हुआ बैचेन दिल मेरा, सिया की याद तडपाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
१) जनक की वो दुलारी थी, सभी की प्राण प्यारी थी
चली वो संग वन मेरे, जगत के भोग बिसराय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
२) बरसते गगन से ओले, ये तारे लग रहे शोले
जलाती इंद्र की किरने, हुआ विपरीत सब हाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
३) वो प्यारी मोहनी मूरत, वो प्यारी मद भारी चितवन
दरश को चन्द सा आनन, मेरे ये नयन ललचाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
४) तुम्हारी सुध जो पा जाउ, तुरत ही पास आ जाउ
तुम्हारे बिन सिय प्यारी, नहीं तो अब रहा जाए
हुआ बैचेन दिल मेरा, सिया की याद तडपाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
१) जनक की वो दुलारी थी, सभी की प्राण प्यारी थी
चली वो संग वन मेरे, जगत के भोग बिसराय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
२) बरसते गगन से ओले, ये तारे लग रहे शोले
जलाती इंद्र की किरने, हुआ विपरीत सब हाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
३) वो प्यारी मोहनी मूरत, वो प्यारी मद भारी चितवन
दरश को चन्द सा आनन, मेरे ये नयन ललचाय
गगन में मेघ घिर आए, मेरा मन आज घबराए
४) तुम्हारी सुध जो पा जाउ, तुरत ही पास आ जाउ
तुम्हारे बिन सिय प्यारी, नहीं तो अब रहा जाए
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