सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
कोटि मनोज लजावन हारे
नख सिख निरख ठगाय गयी रे
१) माथे मणि मौर तिलक श्रुति कुंडल
अलिखें चित ही चुराय गयी रे
सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
२) खंजन नयन बदन विधु आनन
चितवन जादू चलाय गयी रे
सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
३) दन्दिम दर्शन अधर अरुनारे
मसकन छवि मन भाय गयी रे
सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
४) अंग अंग लसत विवाह विभुसन
शोभा द्रगन समाज़ी गयी रे
सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
५) हम सिया संग अवधपुर जाइवे
गिरधर प्रभु पे बिकाय गयी रे
सिया सजना को देख भुलाय गयी रे
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